Friday, July 24, 2020

अपराध बड़ने का कारण


सामान्य विवेक वाला कोई भी व्यक्ति इस बात को स्वीकार कर लेगा कि उत्तर प्रदेश की पिछली तथाकथित समाजवादी पार्टी की सरकार में प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति जितनी खराब थी वर्तमान मनुवादी-पूंजीवादी सरकार में उससे भी अधिक खराब हो चुकी है और अपराधों का आँकड़ा दिन दूनी और रात चौगुनी गति से बढ़ रहा है। जबकि बहुजन समाज पार्टी की सरकारों के कार्यकाल में अपराध और अपराधियों पर अंकुश लग गया, जिससे प्रदेश की कानून-व्यवस्था अच्छी बनी रही। कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है?
इसका कारण व्यक्तिगत कार्यकुशलता और प्रशासनिक दक्षता के साथ ही साथ सामाजिक संरचना और उसके राजनीतिक निहितार्थों में व्याप्त है।
वास्तव में देश में शोषित जातियों के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। परन्तु शोषित जातियां आज भी असंगठित हैं और अपने अधिकारों के प्रति पर्याप्त स्तर तक चेतनशील भी नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के उद्भव के बाद से शोषित जातियों का कुछ भाग बसपा के नेतृत्व में संगठित होने लगा। इसके साथ ही यह भी सत्य है कि मनुवादी वर्ग एक अल्पसंख्यक वर्ग है। परन्तु उत्पादन के साधनों पर अधिकार होने के कारण सत्ताधारी और प्रभुत्वशाली वर्ग बना हुआ है। अब यह तो स्पष्ट ही है कि संसदीय व्यवस्था में अल्पसंख्यक वर्ग होने के बावजूद भी यह मनुवादी वर्ग शोषित जातियों के मतों के कारण ही सत्ता में बना रहता है।
इसके साथ ही यह भी स्पष्ट है कि देश भर में जितने भी माफिया और गिरोहबंद अपराधी हैं उनका अधिकांश भाग तथाकथित उच्च जातियों अर्थात मनुवादी वर्ग से ही है। मनुवादी वर्ग में भी केवल ब्राह्मण, ठाकुर, यादव अभिजात्यवर्गीय मुसलमान और उनकी उपजातियों से ही अधिकांश माफिया और गिरोहबंद अपराधी आते हैं। क्योंकि इन मनुवादी माफियाओं और गिरोहबंद अपराधियों का उपयोग विभिन्न मनुवादी-पूंजीवादी राजनीतिक दल शोषित जातियों के मतदाताओं को डरा-धमकाकर  उनके मत प्राप्त करने के लिये करते हैं इसलिए मनुवादियों के इस आपसी समझौते के रूप में इन मनुवादी अपराधियों को भी उनका प्रतिफल देना मनुवादी-पूंजीवादी सरकारों के लिये आवश्यक है। इस प्रकार मनुवादी अपराधियों और मनुवादी-पूंजीवादी राजनीतिक दलों के इस वर्गीय गठजोड़ के द्वारा अल्पसंख्यक मनुवादी वर्ग बहुसंख्यक शोषित वर्ग को कुचलकर सत्तासीन बना रहता है। अतः मनुवादी अपराधियों का उपयोग करके मनुवादी वर्ग शोषित वर्ग के आक्रोश को कुचलने का कार्य करता है। यही कारण है कि पिछली तथाकथित समाजवादी पार्टी की सरकार में कानून-व्यवस्था खराब हुई और यही कारण वर्तमान मनुवादी-पूंजीवादी सरकार में कानून-व्यवस्था के खराब होने का भी है। क्योंकि आपराधिक तत्वों द्वारा शोषित जातियों को कुचलने के मनुवादी कार्य की पूर्ति करने के साथ ही साथ गैरकानूनी रूप से धन भी लूटा जाता है क्योंकि मनुवादी राजनीतिज्ञों, मनुवादी सरकारी कर्मचारियों, मनुवादी तथाकथित न्यायाधीशों तथा मनुवादी पूंजीपतियों की तरह ये लोग 'कानूनी' तरीकों से लूट नहीं कर पाते, और धन तो शोषित जातियों के पास है नहीं, इसलिये तथाकथित उच्च जातियों के धनी लोग भी इन मनुवादी अपराधियों के निशाने पर जाते हैं। यही कारण है कि मनुवादी-पूंजीवादी सरकारों में सदैव कानून-व्यवस्था खराब हो जाती है और अपराधों का आंकड़ा बड़ने लगता है।
जबकि बहुजन समाज पार्टी जो शोषित वर्ग की एकमात्र हितैषी पार्टी है, को शोषित जातियों के अधिकांश मत स्वाभाविक रूप से मिलते हैं। इसलिए बसपा का हित इन मनुवादी अपराधियों पर अंकुश लगाने में है। जिससे शोषित वर्ग बिना किसी भय के जीवन-यापन कर सके। यही कारण है कि बसपा सरकारों के कार्यकाल में प्रदेश की कानून-व्यवस्था अच्छी रहती है और अपराधियों में कानून का भय व्याप्त रहता है।
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