Tuesday, February 19, 2019

तथाकथित साम्यवादियों की घिनौनी वास्तविकता PART 2

त्रिपुरा राज्य विधान सभा:-

त्रिपुरा राज्य विधान सभा के वर्ष 2018 में सम्पन्न हुए चुनावों में कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (CPI, M) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के प्रत्याशियों द्वारा दिये गए शपथ पत्र के अनुसार उन प्रत्याशियों की निजी सम्पत्ति का विवरण निम्नलिखित है, यहां यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि इस विवरण में इन प्रत्याशियों के परिजनों और बेनामी सम्पत्ति का विवरण नहीं है:-
सारणी 5
नाम
 सम्पत्ति
(1) Krishna Majumder (CPI, M)
 29,14,197 रुपये (उनतीस लाख चौदह हजार एक सौ सत्तानबे रुपये)
(2) Parimal Debnath (CPI, M)
 31,49,344 रुपये (इकत्तीस लाख उनचास हजार तीन सौ चौवालीस रुपये)
(3) Bharat Reang (CPI, M)
 8,29,350 रुपये (आठ लाख उनतीस हजार तीन सौ पचास रुपये)
(4) Daniel Jamatia (CPI, M)
 30,29,887 रुपये (तीस लाख उनतीस हजार आठ सौ सतासी रुपये)
(5) Aghore Deb Barma (CPI, M)
 57,88,300 रुपये (सत्तावन लाख अट्ठासी हजार तीन सौ रुपये)
(6) Jharna Das Baidya (CPI, M)
 1,22,63,318 रुपये (एक करोड़ बाईस लाख तिरेसठ हजार तीन सौ अट्ठारह रुपये)
(7)  Smt Bijita Nath (CPI, M)
 33,03,738 रुपये (तैंतीस लाख तीन हजार सात सौ अड़तीस रुपये)
(8) Naresh Chandra Jamatia (CPI, M)
 35,28,300 रुपये (पैंतीस लाख अट्ठाईस हजार तीन सौ रुपये)
(9) Haricharan Sarkar (CPI, M)
 21,96,989 रुपये (इक्कीस लाख छियानबे हजार नौ सौ नवासी रुपये)
(10) Amal Chakraborty (CPI, M)
 38,57,459 रुपये (अड़तीस लाख सत्तावन हजार चार सौ उनसठ रुपये)
(11) Jhumu Sarkar (CPI, M)
 50,546 रुपये (पचास हजार पांच सौ छियालीस रुपये)
(12) Basudev Majumder (CPI, M)
 36,92,667 रुपये (छत्तीस लाख बयानबे हजार छः सौ सड़सठ रुपये)
(13) Bhanulal Saha (CPI, M)
 60,77,849 रुपये (साठ लाख सतहत्तर हजार आठ सौ उनचास रुपये)
(14) Sahid Choudhuri (CPI, M)
 42,95,588 रुपये (बयालीस लाख पिचानबे हजार पांच सौ अट्ठासी रुपये)
(15) Tapan Chakrabarti (CPI, M)
 49,36,914 रुपये (उनचास लाख छत्तीस हजार नौ सौ चौदह रुपये)
(16) Ramendra Narayan Debbarma (CPI, M)
 11,43,332 रुपये (ग्यारह लाख तैंतालीस हजार तीन सौ बत्तीस रुपये)
(17) Nirajoy Tripura (CPI, M)
 1,56,388 रुपये (एक लाख छप्पन हजार तीन सौ अट्ठासी रुपये)
(18) Manik Sarkar (CPI, M)
 33,19,644 रुपये (तैंतीस लाख उन्नीस हजार छः सौ चौवालीस रुपये)
(19) Sri Abhijit De (CPI, M)
 29,76,386 रुपये (उन्तीस लाख छिहत्तर हजार तीन सौ छियासी रुपये)
(20) Tunubala Malakar (CPI, M)
 8,12,972 रुपये (आठ लाख बारह हजार नौ सौ बहत्तर रुपये)
(21) Keshab Debbarma (CPI, M)
 39,71,141 रुपये (उन्तालीस लाख इकहत्तर हजार एक सौ इकतालीस रुपये)
(22) Badal Choudhury (CPI, M)
 75,60,429 रुपये (पिचहत्तर लाख साठ हजार चार सौ उनतीस रुपये)
(23) Jashabir Tripura (CPI, M)
 30,06,002 रुपये (तीस लाख छः हजार दो रुपये)
(24) Ramendra Chandra Debnath (CPI, M)
 70,75,616 रुपये (सत्तर लाख पिचहत्तर हजार छः सौ सोलह रुपये)
(25) Islam Uddin (CPI, M)
 7,46,109 रुपये (सात लाख छियालीस हजार एक सौ नौ रुपये)
(26) Moboshar Ali (CPI, M)
 83,65,402 रुपये (तिरासी लाख पैंसठ हजार चार सौ दो रुपये)
(27) Ratan Kumar Bhowmik (CPI, M)
 71,21,492 रुपये (इकहत्तर लाख इक्कीस हजार चार सौ बयानबे रुपये)
(28) Manindra Chandra Das (CPI, M)
 23,90,277 रुपये (तेईस लाख नब्बे हजार दो सौ सतहत्तर रुपये)
(29) Narayan Chandra Chowdhuri (CPI, M)
 6,30,096 रुपये (छः लाख तीस हजार छियानबे रुपये)
(30) Bijoy Laxmi Singha (CPI, M)
 4,87,980 रुपये (चार लाख सतासी हजार नौ सौ अस्सी रुपये)
(31) Rajendra Reang (CPI, M)
 59,45,825 रुपये (उनसठ लाख पैंतालीस हजार आठ सौ पच्चीस रुपये)
(32) Umakanta Tripura (CPI, M)
 96,489 रुपये (छियानबे हजार चार सौ नवासी रुपये)
(33) Priyamani Debbarma (CPI, M)
 1,40,571 रुपये (एक लाख चालीस हजार पांच सौ इकहत्तर रुपये)
(34) Pabitra Kar (CPI, M)
 72,94,389 रुपये (बहत्तर लाख चौरानबे हजार तीन सौ नवासी रुपये)
(35) Nirmal Biswas (CPI, M)
 14,10,109 रुपये (चौदह लाख दस हजार एक सौ नौ रुपये)
(36) Khagendra Jamatia (CPI, M)
 10,65,705 रुपये (दस लाख पैंसठ हजार सात सौ पांच रुपये)
(37) Manik Day (CPI, M)
 74,90,679 रुपये (चौहत्तर लाख नब्बे हजार छः सौ उनासी रुपये)
(38) Manoranjan Debbarma (CPI, M)
 6,47,016 रुपये (छः लाख सैंतालीस हजार सोलह रुपये)
(39) Pravat Chowdhury (CPI, M)
 1,43,71,248 रुपये (एक करोड़ तैंतालीस लाख इकहत्तर हजार दो सौ अड़तालीस रुपये)
(40) Madhab Chandra Saha (CPI, M)
 1,21,83,954 रुपये (एक करोड़ इक्कीस लाख तिरासी हजार नौ सौ चौव्वन रुपये)
(41) Subhashchandra Debnath (CPI, M)
 83,31,993 रुपये (तिरासी लाख इकत्तीस हजार नौ सौ तिरानबे रुपये)
(42) Tapan Chandra Das (CPI, M)
 89,40,072 रुपये (नवासी लाख चालीस हजार बहत्तर रुपये)
(43) Samiran Malakar (CPI, M)
 12,28,472 रुपये (बारह लाख अट्ठाईस हजार चार सौ बहत्तर रुपये)
(44) Ajit Kumar Das (CPI, M)
 16,85,531 रुपये (सोलह लाख पिचासी हजार पांच सौ इकत्तीस रुपये)
(45) Anil Chakma (CPI, M)
 17,24,992 रुपये (सत्रह लाख चौबीस हजार नौ सौ बयानबे रुपये)
(46) Rama Das (CPI, M)
 5,61,503 रुपये (पांच लाख इकसठ हजार पांच सौ तीन रुपये)
(47) Lalit Mohan Tripura (CPI, M)
 1,12,01,918 रुपये (एक करोड़ बारह लाख एक हजार नौ सौ अट्ठारह रुपये)
(48) Sudhan Das (CPI, M)
 40,23,826 रुपये (चालीस लाख तेईस हजार आठ सौ छब्बीस रुपये)
(49) Padma Kumar Deb Barma (CPI, M)
 18,67,494 रुपये (अट्ठारह लाख सड़सठ हजार चार सौ चौरानबे रुपये)
(50) Ratan Das (CPI, M)
 73,73,842 रुपये (तिहत्तर लाख तिहत्तर हजार आठ सौ बयालीस रुपये)
(51) Rita Kar Majumder (CPI, M)
 21,93,793 रुपये (इक्कीस लाख तिरानबे हजार सात सौ तिरानबे रुपये)
(52) Manindra Reang (CPI)
 32,74,177 रुपये (बत्तीस लाख चौहत्तर हजार एक सौ सतहत्तर रुपये)
(53) Pranab Debbarma (CPI, M)
 27,57,920 रुपये (सत्ताईस लाख सत्तावन हजार नौ सौ बीस रुपये)
(54) Shyamal Chakraborty (CPI, M)
 59,66,304 रुपये (उनसठ लाख छियासठ हजार तीन सौ चार रुपये)
(55) Anjan Das (CPI, M)
 18,64,319 रुपये (अट्ठारह लाख चौसठ हजार तीन सौ उन्नीस रुपये)
(56) Rajkumar Choudhury (CPI, M)
 43,81,571 रुपये (तैंतालीस लाख इक्यासी हजार पांच सौ इकहत्तर रुपये)
(57) Ramendra Debbarma (CPI, M)
 13,92,971 रुपये (तेरह लाख बयानबे हजार नौ सौ इकहत्तर रुपये)
(58) Gouri Das (CPI, M)
 49,00,773 रुपये (उनचास लाख सात सौ तिहत्तर रुपये)1

इस प्रकार उपरोक्त आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि महान क्रान्तिकारी दार्शनिक कार्ल मार्क्स का सिद्धांत है निजी सम्पत्ति का उन्मूलन करना परन्तु भारत के तथाकथित साम्यवादियों-मार्क्सवादियों का सिद्धांत है कि अधिक से अधिक निजी सम्पत्ति बटोर लो। वास्तव में भारत में जो लोग साम्यवाद-मार्क्सवाद के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और साम्यवादी होने का ढोंग करते हैं वास्तव में वे लोग मनुवादी-पूंजीवादी लोग ही हैं। ये लोग मनुवाद तथा पूंजीवाद के प्रबल समर्थक हैं। ये करोड़पति साम्यवादी कभी भी वर्तमान शोषक व्यवस्था अर्थात मनुवादी-पूंजीवादी व्यवस्था का उन्मूलन करने के लिये संघर्ष नहीं करेंगे।
इन लोगों की मानसिकता की झलक प्रोफ़ेसर डायसी द्वारा रचित इंग्लिश कॉन्स्टिट्यूशन (English Constitution) में प्रभुसत्ता पर उनके विचारों में मिल जाती है:-
"किसी प्रभुसत्तासम्पन्न, विशेषतः संसद द्वारा सत्ता का वास्तविक प्रयोग दो परिसीमाओं से परिबद्ध या नियंत्रित होता है। इनमें एक बाह्य और दूसरी आतंरिक परिसीमा है। किसी प्रभुतासंपन्न की वास्तविक शक्ति की बाह्य सीमा ऐसी संभावना या निश्चितता को कहा जाता है कि उसकी प्रजा या अधिकांश प्रजा उसके कानूनों की अवज्ञा या विरोध करेगी। प्रभुसत्ता के प्रयोग की आंतरिक सीमा स्वयं प्रभुसत्ता के स्वरुप से उत्पन्न होती है। निरंकुश शासक भी अपने चरित्र के अनुसार अपनी शक्तियों का प्रयोग करता है, जिसका निर्माण उसकी परिस्थिति, तत्समय प्रवृत्त नैतिक भावनाओं और उस समाज के आधार पर होता है, जिससे वह सम्बंधित है। सुल्तान अगर चाहता भी तो मुस्लिम विश्व के धर्म को परिवर्तित नहीं कर सकता था, लेकिन यदि वह ऐसा कर भी सकता था तो यह बिलकुल असम्भव था कि मुस्लिम धर्म का अध्यक्ष, मुस्लिम धर्म को समाप्त करना चाहता। सुल्तान की सत्ता के प्रयोग करने से सम्बद्ध आंतरिक परिसीमा भी इतनी ही शक्तिशाली है, जितनी कि बाह्य परिसीमा। लोग बहुधा यह व्यर्थ का प्रश्न पूछते हैं कि पोप ने अमुक सुधार लागू क्यों नहीं किया? इसका सही उत्तर यह है कि एक क्रांतिकारी, उस श्रेणी के व्यक्तियों में नहीं आता जो पोप बनते हैं और जो व्यक्ति पोप बनता है वह एक क्रांतिकारी बनने की इच्छा नहीं रखता।"2
हाँ यह अवश्य है कि मनुवादियों के सगे भाई ये तथाकथित साम्यवादी ठग इस मनुवादी-पूंजीवादी व्यवस्था की रक्षा के लिये शोषित वर्ग को भ्रमित करने हेतु महान क्रान्तिकारी दार्शनिक कार्ल मार्क्स और उनकी विचारधारा का दुरूपयोग करते रहेंगे। इन तथाकथित साम्यवादी ठगों ने पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और केरल में शोषितों को भ्रमित करके लंबे समय तक सत्ता पर कब्जा बनाये रखा है। इन ढोंगियों ने अपने शासनकाल में इन राज्यों के शोषितों को केवल बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, जनसंहार, दासता, निर्धनता, भुखमरी, अशिक्षा और शोषण ही दिया है। इसीलिये अपने शासनकाल में इन ढोंगियों ने मनुवाद जनित वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था के उन्मूलन हेतु रत्ती भर कार्य भी नहीं किया।
अतः शोषित वर्ग को इन ढोंगियों अर्थात तथाकथित साम्यवादी ठगों से सतर्क रहना चाहिये क्योंकि ये तथाकथित साम्यवादी ठग वास्तव में मनुवादी ही हैं जिन्होंने शोषित वर्ग को भ्रमित करने के लिये साम्यवाद-मार्क्सवाद का मुखौटा लगा रखा है और इनका वास्तविक उद्देश्य मनुवादी-पूंजीवादी व्यवस्था की रक्षा करना है।
-----------मैत्रेय

सन्दर्भ और टिप्पणियाँ
1.       सम्पत्ति से सम्बंधित उपरोक्त समस्त आंकड़े Association for Democratic Reforms, National Election Watch की website से लिये गये हैं।
2.       जाति का उन्मूलन (The Annihilation of Caste), डॉ0 बी0 आर0 अम्बेडकर,  बाबा साहेब डॉ0 आंबेडकर सम्पूर्ण वांग्मय, खण्ड-1, पृष्ठ- 94, पाँचवां संस्करण 2013, प्रकाशक:- डॉ0 अम्बेडकर प्रतिष्ठान, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली।

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